दोस्तों क्या आप जानते हैं Elon Musk का आईक्यू 165 जीनियस साइंटिस्ट Albert Einstein का 160 था। आइज़क न्यूटन का 119 और हमारे इंडिया के अनुष्का दिक्षित का आईक्यू 160 आइंस्टीन का आइक्यूसे भी ज्यादा है। वैसे तो दुनिया के सभी लोगों का एवरेज आइक्यू लेवल 100 के करीब होता है। पर क्या आप जानते हैं ऑल डाटा डॉट इंफो की एक रिपोर्ट के अकॉर्डिंग Total 100 एंड मदर फॉर एवरीवन हस ए न ट ई 2 के 7 नंबर वन पोजीशन पर है। वही अपने इंडिया का एवरेज आइक्यू है जो इंडिया को व्हाट्सएप एचआइक्यू के लिस्ट में एटीएस पोजीशन पर डालता है जो कि काफी लोग हैंलेकिन हमेशा सकता है। अगर हम सभी अपने आएगी को और बढ़ाने पर फोकस करें क्योंकि ज्यादा आईटी वाले लोग एकेडमी के लिए अच्छा पसंद करते हैं। ऐसे लोगों के सक्सेस होने के चांस ज्यादा होते हैं। इनकी लर्निंग और प्रॉब्लम सॉल्विंग पावर अच्छी होती है और ऐसे लोग अपनी लाइफ मेंपांचों के मुकाबले ज्यादा इनकम कम आते हैं क्योंकि बिकॉज़ ऑफ़ हाई आइक्यू इन के लिए कुछ भी करना बाजू के मुकाबले आसान हो जाता है तो इसीलिए दोस्तों हम सभी को अपनेआए क्यों को इनक्रीस कर में बहुत ज्यादा फोकस करना चाहिए तो? आप भी अपना आईपीओ और बढ़ाना चाहते हो तो वीडियो कॉल करके अभी कमेंट में लिखो आइक्यू आइक्यू एक्जेक्टली होता क्या है और हम अपना आईडी कैसे बना सकते हैं। यह जानते हैं व्हाट इज क्यू एंड हाउ टू कैलकुलेट एंड इंक्रीज योर आइक्यू आइक्यू का मतलब होता है। इंटेलिजेंट क्वेश्चन एक नंबर होता है जो दिखाता है कि आपकी इंटेलिजेंस का लेवल क्या है या इंटेलिजेंस हमारा मतलब यह नहीं है कि आप इतना याद रख सकते हो या आपके पास कितने ज्यादा नॉलेज है बल्कि इंटेलिजेंस का रियल मीनिंग होता है। आपकी नई इनफार्मेशन को सीखने की केपेसिटी ऑफ इंफॉर्मेशन को दिमाग में होल्ड करके रखना और फिर अपनी नॉलेज का यूज करके किसी प्रॉब्लम को सॉल्व करना या उससे कुछ नया सीखने के लिए फाउंडेशन की तरह यूज करना लेकिन हम कैसे पता लगा सकते हैं कि हमारा आइक्यू कितना है तो इसके लिए एक सिंपल आइक्यू टेस्ट फॉर मिला है। एम एटी एम मल्टीप्लायड बाय हंड्रेड जहां एम ए का मतलब है मेंटली मेंटली आपकी उम्र कितनी है। कुछ लोग अपनी उम्र के हिसाबसे मैट्रिक का कॉपी में चार होते हैं। वहीं कई बड़े लोगों का दिमाग बच्चा ही रहता है जैसा कि आपने कोई मिल गया। मैं रितिक रोशन को देखा होगा यह का मतलब होता। जो हमारी नॉर्मल बर्थडे ज्योति है। पहले के टाइम पर ऐसा माना जाता था कि जब इंसान अपनी अदालत में पहुंच जाता है तो ह्यूमन ब्रेन की इंटेलेक्चुअल केपेसिटी और आईक्यू फिक्स हो जाती है। पर टाइम टू टाइम इस टॉपिक पर कई रिसर्च की जा चुकी है और हर बार साइंस नहीं है। पूर्व कराएं और न्यूरोप्लास्टिसिटी इस बात का सबूत भी है कि इंसान चाहे तोअपने इंटेलिजेंट नहीं आए। क्यों को बढ़ा सकता है। न्यूरोप्लास्टिसिटी का मतलब होता है। हमारा बहन अपने नॉन कनेक्शंस कॉमेडी पास में कोई चेंज कर सकता है। इस डिस्कवरी के अकॉर्डिंग हमारा ब्रेन का आज ऑफ ग्रे मैटर होता है जो हमारे कंट्रोल मोमेंट मेमोरी, लॉजिकल रीजनिंग और इमोशंस के लिए रिस्पांसिबल है। वो टाइम के साथ एक्सपेंड और सिंह यानी बढ़िया घर सकता है जैसा कि हमारी मसाज के साथ होता है। अगर हम एक्सरसाइज नहीं करेंगे। उन्हें यूज नहीं करेंगे तो लॉन्ग टर्म में बहुत तेज हो जाती हैं। वैसे अगर हमारे ब्रेन मसाज के एक्सेस नहीं होगी तो कहीं हीरोइन कनेक्शन का यूज ना होने की वजह से आपकी मेमोरी अफेक्ट होने लगती है और आपके कॉमेंट फंक्शंस भी कमजोर होते जाते हैं। इसीलिए सबसे पहली बात आपको यह जानना जरूरी है कि आपकी आय क्यों फिक्स नहीं है और सही ट्रेनिंग से आप अपनी।
आइक्यू पढ़ा सकते हो पर अपनी आई क्यों बढ़ा नहींकैसे बेलाई क्यों कभी एक रात में नहींपड़ती। जैसे आप कुछ दिनों में हीअच्छी बॉडी नहीं बना सकते हैं। वैसे ही अपने ब्रेन मसल्स को स्ट्रांग करने के लिए आपको बहुत टाइम तक कंसलटेंसी प्रैक्टिस करते रहना बहुत जरूरी है। प्रैक्टिकल जैसे नंबर दो एक्सपेंड योरइमेजिनेशन यूजिंग ऑल फाइव सेंसेज 200 आज के टाइम पर सबसे ज्यादा बड़ी प्रॉब्लम हम सभी पेश कर रहे हैं। वह यह है कि हम हमेशा डिजिटल और टीवी लैपटॉप के फोन में देख देख कर अब हमें ज्यादा इमेजिनेशन या माइंड में भेजो लाइट नहीं करना पड़ता। सब कुछ हमारी आंखों के सामने अपने आप होने लगता है।हमें ज्यादा सोचना नहीं पड़ता जिसे हमारी इमैजिनेशन और बिजनेस करने की आदत और पावर कम होती जा रही है। न्यूरोप्लास्टिसिटी की रिसर्च में देखा गया है कि हमारे 5 सेंसेज हमारे मेमोरी और कॉग्निटिव फंक्शनसे डायरेक्टली कनेक्टेड है । इसीलिए यह एक्सरसाइज आपके पास सेंड कर करके आपकी आईडी को इनक्रीस करने में हेल्प कर दिया। आपको करना है कि आपको दिन में सपने देखना अब इससे हमारा मतलब है कि जैसे आप रात मेंसोते हुए जब सपने देखते हो तो आपके सारे चेंज एक्टिव होते हैं आपको । कुछ असली लग रहा होता है। वही सेम चीज आपको दिन में कॉन्शियसली करनी है। किसी भी चीज को इमेजिन करो और अपने पांचों सेंसेज से उसे एक्सपीरियंस करने की कोशिश करो। आप कुछ भी सोच सकते हो। अपनी 27 कोविजय राज कर सकते हो या अपने आईडिया को सच होते हुए देख सकते हो। जहां पर सब कुछ रियल लग रहा होगा। जब आप कुछ इमेजिन करते हो, उसे देख सकते हो, सुन सकते हो, इस मेल कर पाते हो। इससे आपके ब्रेन के सभी एरिया एक्टिव होकर एक साथ काम कर रहे हो।आपको हर दिन 15 से 45 मिनट तक दिल्ली करना है और रिसर्च के अकॉर्डिंग सिर्फ दो चार हफ्ते में ही आपको रिजल्ट देखना शुरू हो जाएंगे, जहां आपके एड्रेस फॉरमेशन वेडिंग एबिलिटी और कंसंट्रेशंस पड़ जाएगा। इस दुनिया के सभी इंटेलिजेंट इंटेलिजेंट इसलिए कहलाए जाते हैं क्योंकि वह अपनी इमैजिनेशन पोरिया लेती बनाना जानते हैं। इस दुनिया में जितने भी इंवेंशंस हुए हैं वह पहले किसी ना किसी के माइंड में एक आईडी अब अंतरिक्ष के बारेमें मैंने बहुत सोचा। उसे इमेजिन और भेजो लाइक करें। चाहे वह जमीन परचलने वाली कार हो या आसमान में उड़ने वाला एयरप्लेन इसीलिए जब आप अपने संसद का यूज करके इमैजिनेशन और विजुअल है जी। उनकी आदत बना लेते हो तो आपका अपने आप इंग्लिश होने लगता है। नंबर 310 हां। मैंने दोस्तों अपने यूट्यूब पर स्टडी म्यूजिक मेडिटेशन म्यूजिक और ब्रेन पावर इंक्रीज करने जाते। म्यूजिक वीडियोस कभी ना कभी देखने ब्रेन हारमोनिक्स फाइनल पीठ भी कहा जाता है। पर क्या यह अक्षर में काम करते हैं? 1 एसोसिएशन पर एप्लाइड साइकोफिजियोलॉजी एंड बायोफीडबैक के न्यूरोफीडबैक डिवीजन के फॉर्मर प्रेसिडेंट सिक्सविडॉस मैंने एक दिन भी ट्रेनिंग एक्सपेरिमेंट करा था जो उन्होंने अपने पार्टिसिपेंट्स को डिफरेंट वेवलेंथस को कंबाइन करवा म्यूजिक सुनते हुए रेगुलरली मेरिट ऐड करने को कहा, जिसके बाद यह देखा गया कि जिन लोगों ने ब्रेन हमने उसका यूज़ करके मेडिटेशन सभी के एवरेज आइक्यू में 23% अंक रिलीज हुआ था। दोस्तों हमारा प्रेम दो हिस्सों में डिवाइड है जो अलग-अलग तरह से काम करता है। हमें कुछ समझ को ऐसे डिजाइन करा जाता है जिसे सुनकर आपके प्रेम के दोनों पाठ 17 सिंह को जाते हैं जिससे हमारे बारे मेंकई चैनल आते हैं।आपके न्यूरॉन कनेक्शन स्ट्रांग हो जाते हैं और आपका आए क्योंकि इनक्रीस होने लगता है। इसे करने के लिए आपको हफ्ते में कम से कम 4 दिन रेगुलर ली 30 मिनट के। ऐसे समझ को सुनना है जिसे सुनते हुए आप चाहो तो मेडिटेशन कर सकते हो। स्टडी या कोई प्रॉब्लम और आइडिया पर काम कर सकते हो जो आपकी कंसंट्रेशन मेमोरी और प्रेम पावर को बढ़ाएगा। नंबर को डु समथिंग न्यू एनजीटी दिल्ली अमेरिकन साइको रिजल्ट जो यह देखना चाह रहे थेकि अगर ह्यूमन ब्रेन को किसी नोवल या नहीं एक्टिविटीज में पार्टिसिपेट कराया जाए जो उसने पहले कभी एक्सपीरियंस ना करियो तो उस दौरान ब्रेन में किस तरह के चुने जाते हैं जिसके लिए उन्होंने टेटरिस गेम को एक नवल एक्टिविटी की तरह लिया। उन्होंने यह वीडियो गेम उन लोगों को खिलाया जिन्होंने कभी अपनी लाइफ मेंऐसा कुछ नहीं खेला था। इसके बाद कई हफ्ते तक पार्टिसिपेंट्स गेम को खेलते थे और साइकोलॉजिस्ट उनके ब्रेन फंक्शंस को स्टडी करते थे, जिसमें यह पाया गयाकि कई हफ्तों की ट्रेनिंग के बाद पार्टिसिपेंट के प्रेम के कॉर्टिकल के थप्पड़ गई थी और साथ ही उनके ब्रेन के कई रियाज में ग्लूकोस का इंटेक बढ़ गया था, जिसका मतलब उनका ब्रेन ज्यादा एनर्जी कंज्यूम्ड कर रहा था और ज्यादा नल कनेक्शन डिवेलप हो रहे थेजो अल्टीमेटली उनका आईक्यू पढ़ा रहे थे और टाइम के साथ वह इस गेम मेंअच्छा भी करते जा रहे थे। बट हैरानी की बाततो यह थी के टाइम के साथ। उनके ब्रेन में यह ग्रोथ इतनी तेजी सेहुई उतनी ही तेजी से कम भी होने लगी क्योंकि उनका ब्रेन उस गेम को समझ गया था। उसे खेलना सीख गया था। अब उसे इतनी मेहनत नहीं करनी पड़ रही थी। इसीलिए उनका ब्रेन आज तो क्या था। इसलिए जब आप हर दिनकुछ नया करते हो। अपने बहन को चैलेंज कर के कुछ डिफरेंट और क्रिएटिव काम करते हो तोइससे आपके प्रेम को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। बिल्कुल जैसे आप जिम जाते हो और फिर उठाते हो तो आपकी मदद स्ट्रांग होती है। वैसे ही कुछ नया और चीते प्लायडूड लिंग म्यूजिक आर्केटिव चीज करने से आपकी प्रेम के मसल्स स्ट्रांग होनेलगती हैं। दवाई
प्रेक्टिस हायर सेल्फ कंट्रोल कंट्रोल आपस में बहुत ज्यादा करें और अपने ऊपर कंट्रोल रखने से आप अपना आईक्यू इनक्रीस कर सकते हो। 2009 की गैलरी में पार्टिसिपेंट कोई आइक्यू टेस्ट करने को दिया और उन्हें ऑप्शन दिया कि इस आइक्यू टेस्ट के बदले उन्हें रिपोर्ट नहीं दी जाएगी और उनके पास ऑप्शन था कि वह टूट जाने के बादइमीडीएटली यह रिपोर्ट ले सकते थे या फिर बैठ कर के बाद मेंले सकते थे। अब जिन लोगों ने अपनी रिपोर्ट के लिए वेट करा उन लोगों के आइक्यू टेस्ट में बाकियों से हाई स्कोर्स थे जिससे एक्सपर्ट्स नहीं हैकंफ्यूज कर।
कि जो लोग इंपोर्टिसंस को रोक पाते हैंऔर खुद के मोशन इलेक्शंस पर अच्छे सेकंट्रोल रखते हैं, वह मेंटली भी ज्यादा इंटेलिजेंट होते हैं।अमेरिकन होटल मौर्य मेंस कैप इन द साइन ऑफनिंजा लीजेंड पीपल इज द एबिलिटी टो कंट्रोल थे। इमोशंस बाय द एप्लीकेशन ऑफ फ्री फायर आईडी का मतलबअपने माइंड और इमोशंस को फुल कंट्रोल में रखना होता है। अगर आपको पता है कि आपके लिए कुछ गलत है। फिर चाहे आपके आसपास के लोग आपको कितना भी पोस्ट ना करें। आप कभी उस काम में शामिल नहीं होते। आपका अपने ऊपर बहुत स्ट्रांग Self-Control है। यानी कहीं ना कहीं आपके इंटेलिजेंस को यह बढ़ाता है। इसीलिए हायर सेल्फ कंट्रोल को प्रेक्टिस करने से आप अपने आईक्यू को भी बढ़ा सकते हो|