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चालाकी से याद करना सीखो |
दोस्तों आज के वक़्त में कुछ भी सीखना जानना बहुत ही आसान हो चुका है। आपको बस अपना फोन निकाल कर इन्टरनेट पर कुछ विडियो देखने, बुक्स, आर्टिकल्स पढ़ने और सुनने हैं और आपको सारी इन्फोर्मेशन मिल जाएगी जो आपको चाहिए। पर यहाँ प्रॉब्लम आती है कि हम इतना कुछ सीख तो लेते हैं पर जरूरत के टाइम पे हमें वो ठीक से याद ही नहीं रहता। चाहे आप किसी एग्जाम की तैयारी कर रहे हो और आपको ज्यादा से ज्यादा इनफार्मेशन को याद रखना है। आप एक्सेल फाइल बुक पढ़ रहे हो या कोई स्किल सीख रहे हो या आप अपने आप को इम्प्रूव करने के लिए ऐसी कोई वैल्यूएबल वीडियो देख रहे हो वक्त बीतता जाता है। लेकिन इनफार्मेशन मेमोरी में रहने के बजाय धीरे धीरे इरेज होने लगती है। अच्छा म्यूजिक करिये की कोई एक ऐसी सुपर पावर होती या कोई मेमरी है कि जिससे आप जल्दी से जल्दी कुछ भी समझ के सीख जा और फिर उसे कभी ना भूले। वो आपको हमेशा याद रहे। वेल एक ऐसा हैक है जिसके बारे में आज आप जानेंगे और इस विडियो में बताए जाने वाले तरीके पूरी तरह से साइंटिफिकली बेस्ड होने वाले हैं। तो वीडियो फुल फोकस के साथ एंटर देखना और पॉइंट नंबर टू बिल्कुल भी मिस मत करना। सो नमन। कौन सा प्रोफेसर भी लर्निंग एंड हाउ टू लंड दोस्तों हमारे ब्रेन का लर्निंग प्रोसेस बहुत ही सिंपल है। जब भी हमें कोई इनफार्मेशन दी जाती है तो वो सबसे पहले ह्यूमन ब्रेन की शॉर्ट टर्म मेमोरी में जाती है और उसके बाद लॉन्ग टर्म मेमरी में जब भी ब्रेन को किसी इन्फॉर्मेशन की जरूरत होती है तो सबसे पहले शॉर्ट टर्म मेमरी में उसे ढूंढता है।
उसके बाद लॉन्ग टर्म मेमरी में शॉर्ट टर्म मेमरी की प्रॉब्लम या कि जब भी आप सोते हो तो आपका ब्रेन लास्ट 24 घंटे में जमा कराई गई सारी शॉर्ट टर्म मेमरी को धीरे धीरे अपने आप डिलीट कर देता है और साथ ही जो मेमरी जिसे इम्पॉर्टेंट लगती है वो उसे अपनी लॉन्ग टर्म मेमरी में रेजिस्टर का बनाता है। जिससे जब आपको उसकी जरूरत हो आपको वो याद रहे। ये होता है एक बेसिक लर्निंग का प्रोसेसर और इस पूरे प्रोसेस को फास्ट बनाने के लिए होता है ना कौन सा पड़ा फास्ट लर्निंग? एक उदाहरण पोड़ी में प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में एक स्टडी करी गई थी जहां रिसर्चस ने एक क्लास के स्टूडेंट्स को दो बार में डिवाइड कर दिया। पहले ग्रुप को कहा गया कि उन्हें अपने एग्जाम की प्रिपरेशन के लिए सारे लेक्चर्स के नोट्स अपने हाथों से पेन और पेपर पर लिख के बनाने हैं। वही सेकंड ग्रुप के स्टूडेंट्स को कहा गया कि उन्हें टाइप कर के फोन, टैब या लैपटॉप में नोट बना लें। अब क्योंकि टाइप करके नोट्स बनाना। नोट टेकिंग के प्रोसेस को बहुत फास्ट कर देता है। जिसमें समय लगता है जिससे हुआ ये कि सेकंड ग्रुप ने सेम टाइम में फस ग्रुप से दो गुना ज्यादा नोट्स बनाए। इस स्टडी का पूरा ही नहीं था कि कौन से मैथड से सबसे ज्यादा अच्छा रिजल्ट आता है, जिसमें ये देखा गया कि पहला ग्रुप जिसने हाथों से पेन पेपर पर नोट्स बनाए थे। उन्होंने उन लोगों से दो गुना ज्यादा अच्छा स्कोर करें जिन्होने टाइप करके नोट बनाएं। रिसर्चर्स ने बताया कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि फर्स्ट ग्रुप ने नोट्स बनाने में सेकंड ग्रुप से ज्यादा फटकारा था। जिस वजह से उनके पास उस इन्फर्मेशन को अपनी लॉन्ग टर्म मेमरी में प्रोसेस करने का ज्यादा टाइम था और किसी भी चीज को तेजी से सीखने का एक यही सीक्रेट है।
आप जितना ज्यादा जल्दी किसी भी इन्फॉर्मेशन का पेशा मेमरी से लॉन्ग टर्म मेमरी में ट्रांसफर कर पाओगे। आप उतनी ही ज्यादा तेजी से चीजें सीखोगे और इसे करने के लिए आपको उस इन्फॉर्मेशन को सीखने में और ज्यादा एफर्ट डालना होगा। पर जानकर आपके साथ ऐसा होता होगा कि आपने बुक का एक पेज पढ़ा और अगला पेज पलटते ही आप भूल गए कि आपने क्या पढ़ा था और आपने यू ट्यूब पे कोई ऐसी ही वैल्यूबल वीडियो देखी। और वीडियो खत्म होते ही कुछ घंटों या दिनों के बाद आप भूल गए कि आपने क्या क्या सीखा था। लेकिन वही अगर आप पढ़ते वक्त या किसी भी सोर्स से कोई इन्फर्मेशन को लेते वक्त उसके साथ साथ एक पेज में नोट बनाते हैं। उस पेज को बार बार पढ़ते या वीडियो देखने के बाद आप उस वीडियो को अपने माइंड में एक बार समारास करते या कमेंट करके आपने जो सीखा उसे अपनी लैंग्वेज में एक्सप्लेन करते तो आप हरेक इन्फर्मेशन के बारे में बहुत ही कॉन्शस रहते और आप हर एक चीज में ज्यादा फोकस और ध्यान देते बजाय घंटों माईंड लेस्ली कई वीडियोस देखने के या पेजेस पढ़ने के ईवन फाउंडर ऑफ कोई प्लानिंग एंड ब्रेन को जब कोई भी पैन एंड पेपर से लिखे गए नोट्स को ही फास्ट लर्निग का सबसे पावरफुल तरीका मानते हैं और अपने लाखों स्टूडेंट्स को यह रकम मेल भी करते हैं। लेकिन यहां पर भी आपको हर एक चीज के पेन और पेपर से नोट्स बनाने की जरूरत नहीं है, बल्कि जिस इन्फॉर्मेशन को आप अपनी लॉन्ग टर्म मेमरी में सेव करना चाहते हो, सिर्फ उसके ही पेन और पेपर्स से आप फिजिकल नोट बना और फिर उसे बार बार देखो।
वही कुछ इन्फॉर्मेशन से आपको अपनी शॉर्ट टर्म मेमरी में रखने उसे आप किसी टैक्स फायदा के पीडिया फॉर्म में भी बना के रख सकते हैं और अगर आपको अपने स्कूल परपस को बना रहे प्रोफेशनल व कंटेंट नोट चार रिसर्च पेपर्स पर काम करना इन सभी के लिए वरना शेयर पीडिया फिल्म आपकी बहुत है। कर सकता है जो आपका टाइम और एनर्जी दोनों से करेगा और आपके काम को और ज्यादा बैटर बनाएगा। इसमें आप पीडीऍफ़ फाइल को एडिट कर सकते जेपीजी बढ़िया पीपीटी को पीडीएफ अपने कन्वर्ट कर सकते हो और पीडीएफ को वन रैक सत्यापित पीडीऍफ़ में भी कनवर्ट कर सकते हो। अगर आपको अपनी पीडीएफ फाइल पे साईन करना है उसे पासवर्ड प्रोटेक्ट करने या कुछ चेंजेस करने तो एक आपसे आप ये सभी काम कर सकते हो। ये ऐप आपको डेक्सटॉप, मोबाइल और वैब तीनों जगह मिल जाएगी। इसलिए नीचे दिए गए लिंक से आप वंडर शेयर पीडीएफ फाइल को डाउनलोड करें और प्रोएक्टिव बनें। साथ ही किसी भी चीज़ को सीखने के लिए आप को अपने एफर्ट्स को भी बढ़ाना होगा जिसके लिए नैक प्वाइंट आपके बहुत काम आएगा। नंबर टू द स्टिक मैथड हाउ टू इनक्रीज यौर एफर्ट्स नाउ। अब हम आपके साथ एक साइंस बेस्ड इफेक्टिव फ्रेमवर्क शेयर करने वाले जिसका यूज करके अगर आप कुछ भी सीखो तो इसकी गैरंटी है कि आप अपनी मैमरी को इनक्रीस कर पाओगे और ज्यादा तेजी से कुछ भी सीख। इस फ्रेम का नाम है इस स्टिक जहां बस स्टैंड करता है। इस स्पेसिंग के लिए एक स्टडी में कुछ लोगों के दो ग्रुप्स के करके जाने स्पैनिश वोकेबलरी के कुछ वर्ड्स को याद करने को दिए गए।
अब हुआ ये कि एक ग्रुप को उन बढ़ को याद करने के लिए एक दिन दिया गया जो उनके पास सिर्फ आठ घंटे थे। उन सभी वर्ड्स को याद रखने के लिए वही दूसरे ग्रुप को एक दिन में चार घंटे दिए गए और एक महीने बाद उन्हें चार घंटे और दिए गए। अब दोनों ही ग्रुप ने इन वर्ड्स को याद करने में आठ घंटे स्पेंड करें। बस फर्क इतना था कि एक ग्रुप में एक ही बार में लगातार पूरे आठ घंटे इन वर्ड्स को याद रखने में मेहनत करी। वही दूसरे ग्रुप ने स्पेसिंग मैथड का यूज करना और सीखने के लिए एक मन का स्पेस ले लिया, जिसका रिजल्ट बहुत ही सदा शॉकिंग था। आठ साल बाद इन दोनों ग्रुप्स को वापस बुलाया गया और उनका एक टेस्ट लिया गया। जहां रिसर्चर्स ये देखना चाहते थे के आठ साल पहले ये डॉट्स की लाइनिंग में उन्हें कितना याद है। जिसका रिजल्ट आया कि सेकंड ग्रुप जिसने स्पेस प्रेक्टिस कर ली थी, उन्होंने पहले ग्रुप से 250 परसेंट ज्यादा अच्छा संकरा। इस स्टडी से साइंटिस्ट ने ता फॉर गैटिंग कार्ड के कंसेप्ट को क्रिएट किया, जिससे ये साबित हुआ कि हमारा ब्रेन इस तरीके से काम करता है कि अगर आप एक मेमरी को एक ईयर के बाद रीविजन नहीं करोगे तो वो मेमरी पेड़ों जाएगी। इसिलए किसी भी इन्फॉर्मेशन को अपनी शॉर्ट टर्म मेमरी से लॉन्ग टर्म में ट्रांसफर करने के लिए आपको गैप दे देंगे। उस चीज को याद दिलाना होगा कि स्टैंड करता है। टेस्टिंग के लिए दो दौर ने लेवल की जर्नल ऑफ एजुकेशन साइकोलॉजी में पब्लिश हुई एक स्टडी के अकॉर्डिंग एक क्लास में एग्जाम से पहले स्टूडेंट्स को अपने नोट्स को तीन बार रिव्यू करने को कहा गया।
जब उन्होंने अच्छे से रिविजन करी और तीन बार अपने नोट्स को बार बार पढ़ा और उसके बाद उन्होंने अपना फाइनल एग्जाम दिया। जिसके बाद ही पता चला कि उस क्लास में स्टूडेंट्स ने बहुत एवरेज को संकरा जहां सभी स्टूडेंट्स का एवरेज स्कोर सीबीएसई था, वही सिमिलर क्लास के स्टूडेंट को कहा गया कि वो एग्जाम से पहले तीन मॉक टैस्ट देंगे जहां उन्हें एग्जाम से रिलेटेड कुछ पॉप कुजिन दिए जाएंगे जो उनकी नॉलेज को टेस्ट करेंगे तो रिविजन करने के बजाय उन्होंने तीन बार मॉक टेस्ट दिए। जिसके बाद इन स्टूडेंट्स का एवरेज स्कोर माइनस था जो पहले ग्रुप के स्टूडेंट से बहुत ज्यादा ही था। ऐसा इसलिए था क्योंकि जब आप बार बार एक चीज को पढते हो तो आप नॉलेज को और ज्यादा अपने दिमाग में स्टोर कर रहे होते बटे एग्जाम्स में या आपकी जन्म लाइफ में आपका टास्क ये नहीं होता कि आपको नॉलेज को स्टोर करना है बल्कि आपको उस टाइम पे अपनी नॉलेज को याद करके उसे यूज करना होता है और सेल्फ टेस्ट करके अपने आपको टेस्ट करते रहने से आप अपने ब्रेन को इसके लिए ट्रेन करते हो। जब भी आप पढ़ रहे होते हैं या कोई कंटेंट कंज्यूम कर रहे होते हैं तो इन्फॉर्मेशन को बस याद रखने के बजाय अपनी नॉलेज को टेस्ट करो कि इससे रिलेटेड एग्जाम में क्या प्रोब्लम आ सकती है या मैं इसे अपनी लाइफ में कैसे यूज कर सकता हूं। आप स्टैंड करते हैं इंटर लिविंग के लिए इमेजिन करो के आप कोई नई लाइन सीख रहे फर्क जानकर आप इस स्पेनिश सीख रहे हो जो आपने एक न्यूज स्पैनिश फ्रेज सीखा तो क्या आप उसका मीनिंग समझ के उसे बार बार बोल बोल के याद रखने की कोशिश करोगे?
उसके बाद किसी दूसरे फेज में जाओगे अकॉर्डिंग टू द लेटेस्ट साइंस एंड प्लानिंग ये तरीका गलत है। अगर आप एक स्पैनिश फ्रेज को सीखना चाहते हो तो आपको उससे रिलेटेड कई सारे फेसेज को एक साथ सीखना होगा। जहां आपने स्पैनिश में गुड मार्निंग बोलना सीखा तो बार बार बना दिया बोलने के बजाय जिसका मतलब स्पैनिश में गुड मार्निंग होता है। आप तो बड़ी इवनिंग Morning और गुड नाइट इन सब को एक साथ ही सीखना चाहिए। जब आप एक साथ सिमिलर कंसेप्ट याद रखने की कोशिश करते हो तो आपका ब्रेन ऑटोमैटिकली उन सब में कनेक्शन करने लगता है और आपके लिए उस इन्फॉर्मेशन को याद रखने के बजाय एक साथ जमा इन्फॉर्मेशन को याद रखना ज्यादा आसान हो जाता है। सी स्टैंड करता है कैटेगराइज। इसके लिए एक स्टडी में स्टूडेंट्स के एक ग्रुप को याद रखने के लिए कुछ वर्ड दिए गए। वहीं दूसरे ग्रुप को भी सेम वर्ड दिए गए। बरसात में कहा गया कि इन्हें याद रखने के साथ साथ इन वर्ड्स को अच्छे से कैटेगराइज भी कर दें। जिसके बाद ये पता चला कि सेकंड ग्रुप ने फेसबुक को मेमरी के मामले में पीछे छोड़ दिया। उन्हें पहले ग्रुप से ज्यादा बढ़ जाते कैटिगिरी के पीछे की थ्योरी कहती कि अगर आप एक लार्ज अमाउंट इन्फोर्मेशन को रिटेन करना चाहते हैं या कुछ ऐसा सीखना चाहते हैं जो कि बहुत वास्ट। जैसे अगर कोई मैडिकल की स्टडीज कर रहा है तो उसमें उन्हें बहुत ज्यादा चीजें याद रखनी होगी, जिसका सबसे बेस्ट तरीका है कि आप उस नवोन्मेषण को डायरेक्ट सिर्फ याद करने के बजाय उसे कैटेगराइज करना स्टार्ट कर उस नॉलेज को और ज्यादा ब्रेक डाउन करके उसके अराउंड एक सिस्टम क्रिएट करो।
एक टच बनाएं ताकि उससे वो इन्फॉर्मेशन आपके ब्रेन में इधर उधर पड़ी ना रहे |
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